आखिर आरएसएस चाहता क्या था हिन्दुस्तान से

 भारत के विभाजन के विचार की नींव रखना
भारत विभाजन का समर्थन किया. विनायक दामोदर सावरकर. द्विराष्ट्र सिद्धांत के समर्थक थे जिन्ना और सावरकर दोनों चाहते थे कि एक हिंदू राष्ट्र बने और एक इस्लामिक राष्ट्र, कहा कि हिंदू और मुसलमान अलग देश हैं कभी साथ नहीं रह सकते. पहले सावरकर ये प्रस्ताव लेकर आए और इसके तीन साल बाद ही जिन्ना ने भी द्विराष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया. (हिंदू महासभा के 19वें अधिवेशन में सावरकर का भाषण, 1937) बाद में संघ ने भारत विभाजन का विरोध करने वाले गांधी की हत्या करके उन्हें ही विभाजन का दोषी ठहराने के लिए दुष्प्रचार किया गया. इतिहासकार कहते हैं कि संघ ने उग्र हिंदूवातावरण न बनाया होता तो शायद जिन्ना अलग राष्ट्र नहीं मांगते.
savarkar- jinahसावरकर और जिन्ना दोनों चाहते थे कि एक हिंदू राष्ट्र बने और एक इस्लामिक राष्ट्र

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